एक बार तमाम भुत प्रेत आदि सभी दुःखी होकर रो रहे थे। तभी वहा से भोलेनाथ गुजर रहे थे। भोलेनाथ उनके रुदन को सुन कर वहा गए और पूछा की तुम लोग क्यों रो रहे हो, इतना विलाप आखिर क्यों?
भुत प्रेतो ने कहा की हे भगवन हम से कोई प्रेम नहीं करता, हमें कोई अपने घर नहीं बुलाता, हमारा कोई आश्रय नहीं है, जिसके घर जाते है वही हमें तंत्र मन्त्र करके भगा देता है या जमीन में गढवा देता है। हमारा कोई ठिकाना नहीं है अतः हम सभी दुखी है और रो रहे है।
भोलेनाथ को दया आ गई और सारे भुत प्रेतो को अपने गणों में शामिल कर लिया और सब भुत प्रेतों को ले कर शमसान में वास किया और भूतनाथ कहलाये। इस प्रकार जिनको कोई नहीं अपनाता उसे शिवजी अपनाते है और सभी अमंगल को मंगल कर देते है।
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