हमारे हिन्दू धर्म में कथाओ का बड़ा ही महत्व है। प्रायः हम अपने आस पास श्रीमद्भागवत महापुराण, शिव महापुराण, श्रीमद् देवीभागवत, गरुण पुराण, गौ कथा इत्यादि का आयोजन होते देखते है और भारी संख्या में श्रद्धालु इन कथाओ को श्रवण भी करने जाते है, परंतु कथा के बीच में प्रायः ये दो विघ्न आते है जिससे कथा से श्रोता का ध्यान भंग हो जाता है:-
निद्रा देवी- कथा सुनते समय अक्सर लोग भाव में विभोर हो जाते है और निद्रा देवी कब अपना आसन जमा लेती है पता ही नहीं चलता। कथा स्थल में कई लोग झपकियां लेते या सोते हुए देखे जा सकते है।
मनि राम जी- मनि राम जी अर्थात मन। कथा सुनते समय मन का एकाग्र होना बहोत आवश्यक है। परंतु जैसा की मन का स्वभाव चंचल होता है मन कथा सुनने के साथ साथ कही अन्य जगह भी विचरण करने लगता है जिस से हमारी एकाग्रता भंग होती है।
तो कथा के दौरान अगर आप चाहते है ने निद्रा देवी चली जाय और मनि राम जी वापस आप के पास कथा सुनने आ जाय तो बस इसका है एक ही उपाय की कथा के दौरान थोड़े थोड़े देर में संकीर्तन या भगवन्नाम का उच्चारण करते रहना चाहिए। यथा जय श्री राम, राधे राधे, जय श्री कृष्णा, हरि बोल इत्यादि।
यह भी पढ़े:-
Jai Shree Krishna...
जवाब देंहटाएं