शरद पूर्णिमा
हिन्दू धर्म के पंचांग के अनुसार अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है ।
रास पूर्णिमा-श्री कृष्ण जी के महारास की तिथि होने कारण इसे रास पूर्णिमा भी कहा जाता है कहा जाता है कि भगवान कृष्ण द्वारा इसी दिन रास लीला की गई थी ।
लक्ष्मी पूजा-शरद पूर्णिमा को सुख समृद्धि की देवी लक्ष्मी जी की पूजा का विशेष महत्व है।कहा जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से सुख,धन धान्य में वृद्धि होती है।
अमृत वर्षा -इस तिथि को चन्द्रमा अपनी सभी सोलह कलाओं में होता है इसलिए हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत वर्षा होती है।
कैसे मनाये-
शरद पूर्णिमा के दिन व्रत रखें ।
विचार स्वच्छ रखें,।
नहाकर भगवान का ध्यान करें,।
भोग के लिए शुद्ध दूध की खीर बनायें,।
चंद्रमा के उदय होने पर उस खीर को चंद्रमा की रौशनी में रखें उसके बाद भगवान् को खीर अर्पित कर प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
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