त्रय-ताप:- ताप तीन प्रकार के होते है:-
1 दैहिक ताप:- ये तीन प्रकार का होता है:-
स्थूल शरीर सम्बन्धी:- जैसे ज्वर, वात-शूल, खांसी, दमा, यक्ष्मा, फोड़ा, कुष्टादि। वैद्यक शास्त्र इस से हमारी रक्षा करते है।
सूक्ष्म शरीर सम्बन्धी:- जैसे काम, क्रोध, मद, लोभ, मात्सर्य आदि। धर्म शास्त्र इस से हमारी रक्षा करते है।
कारण शरीर संबंधी:- जैसे अस्मिता, अविद्या, आदि पञ्च क्लेश। वेदांत शास्त्र इस से हमारी रक्षा करते है।
2 दैविक ताप:- अतिवृष्टि, अनावृष्टि, भूकंप, महामारी, महायुद्ध आदि। ये भी धर्म शास्त्र के विषय है।
3 भौतिक ताप:- चोरी, डकैती, छल-कपट ,फौजदारी आदि। राजनीति शास्त्र इस से हमारी रक्षा करते है।
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