गुरुवार, 27 अक्तूबर 2016

धनतेरस क्यों और कैसे मनाय

धनतेरस के दिन क्या ले और क्या माँगे!


धनतेरस क्यों मनाया जाता है?
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है की इसी दिन भगवान् धन्वन्तरि का जन्म हुआ था (जन्म से तात्पर्य है की समुद्र मंथन के समय आज के दिन वो समुद के गर्भ से बहार आये थे)  इसलिए इस तिथि को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। 

क्या खरीदे और क्यों?
भगवान् धन्वन्तरी अपने हाथो में अमृत से भरा हुआ कलश लेकर प्रकट हुए थे। चुकी धन्वन्तरी भगवान् अपने हाथ में कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर धातु के  बर्तन खरीदने की परम्परा है। लोकमान्यता अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) या बर्तन इत्यादि खरीदने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है।


धनतेरस के दिन सोना अथवा चांदी खरीदने की भी प्रथा है। अगर किसी के लिए सम्भव न हो तो कोइ बर्तन भी  खरिद सकते हैे। इसके पीछे यह मान्यता है  कि यह चन्द्रमा का प्रतीक है और चन्द्रमा  शीतलता प्रदान करता है।
इस प्रकार मन में संतोष रूपी धन का वास होता है। 

क्या मांगे?
संतोष को ही सबसे बड़ा धन कहा गया है। जिस व्यक्ति के पास  संतोष रुपी धन है वह स्वस्थ है सुखी है और वही सबसे धनवान है। अतः भगवान से संतोस रुपी धन की कामना करनी चाहिए। भगवान धन्वन्तरी जो चिकित्सा के देवता भी हैं अतः उनसे स्वास्थ्य और सेहत की कामना करनी चाहिए। लोग इस दिन ही दीपावली की रात लक्ष्मी गणेश की पूजा करने  हेतु मूर्ति भीे स्थापित करते है।

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