रावण के वध के पश्चात प्रभु श्रीराम ,सीता माता और लक्ष्मण जी के साथ ही हनुमान जी भी अपने प्रभु श्रीराम की सेवा करने अयोध्या आये।
फिर क्या था हनुमान जी ने सोचा क्यों ना मैं अपने पूरे शरीर में सिन्दूर लगा लूँ जिससे मेरे प्रभु श्री राम की आयु और अधिक लंबी हो जाये और प्रभु का अपार प्रेम स्नेह प्राप्त हो । ऐसा विचार कर हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर ही सिन्दूर लगा लिया और श्री राम के दरबार में पहुँच गए ।हनुमान जी के इस रूप को देख दरबार में सभी हंसने लगे, प्रभु श्रीराम के पूछने पर जब हनुमान जी ने इसका कारण बताया तो करुनानिधान भगवान श्री राम जी ने हनुमान जी को गले लगा लिया और प्रभु श्रीराम उनकी भक्ति से इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने कहा आज से जो भी हनुमान जी को सिन्दूर चढ़ायेगा उसे मेरी कृपा प्राप्त होगी।इस कारण हनुमान जी को सिन्दूर अत्यन्त प्रिय है ।
हनुमान जी को सिन्दूर अर्पित करने से हनुमान जी प्रसन्न होते है और अर्पित करने वाले की मनोकामना पूर्ण होती है और समस्त बाधाओं का नाश होता है ।
सुन्दर निरूपण
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