रविवार, 14 मई 2017

राम जन्म से पूर्व लिखी जा चुकी थी रामायण।

हम सभी श्रीराम के पावन चरित्रो पर लिखी हुई रामायण से भली भाँति परिचित है। श्रीराम का जन्म त्रेतायुग में हुआ था। वे भगवान् विष्णु के अवतार माने जाते है। पर क्या आप जानते है क़ि रामायण की रचना कब हुई थी?

श्रीराम पर वैसे तो अनेक ग्रंथो की रचना अनेक भाषाओ में की गई है। परंतु श्रीराम के चरित्रो को सबसे पहले लिखा था महर्षि वाल्मीकि ने। महर्षि वाल्मीकि त्रेतायुग में जन्मे श्रीराम के समकालीन कवी थे। बचपन में चोर रहे वाल्मीकि ने नारद जैसे सदगुरु का संग पा कर और भगवान् की भक्ति कर महर्षि हो गए। उनको तीनो काल में देखने की शक्ति प्राप्त हो गई। श्रीराम जन्म के पूर्व ही उन्होंने भविष्य में होने वाले रामजन्म और उनकी पावन लीलाओ को एक महाकाव्य जिसे आज हम "रामायण" के रूप में जानते है की रचना कर दी थी। उन्होंने  रामायण की रचना संस्कृत में की थी। वर्तमान में श्रीराम पर अनेक काव्यों की रचना की गई है पर सर्वप्रथम महर्षि वाल्मीकि ने ही श्रीराम जन्म के पूर्व रामायण के माध्यम से श्रीराम के चरित्रो को छन्दबद्ध किया था।

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