श्रीराम पर लिखा गया सबसे पहला और प्रामाणिक ग्रन्थ है रामायण जिसे आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने श्रीराम के जन्म के पूर्व ही लिख दिया था। इसीलिए इस ग्रंथ को सबसे प्रामाणिक ग्रंथ माना जाता है। यह मूल संस्कृत में लिखा गया ग्रंथ है। कलियुग में रामचरित मानस को गोस्वामी तुलसीदासजी ने लिखा जिनका जन्म संवत् 1554 को हुआ था। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना अवधी भाषा में की। रामायण और मानस दोनों ही सर्वप्रचलित ग्रन्थ है पर इसके अलावा भी श्रीराम पर अनेक संतो और कवियों ने लिखा है। आइये जाने अब तक प्रमुख रूप से कितनी भाषाओ में प्रमाणित ग्रन्थ श्रीराम पर लिखे गए है:-
महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण (मूल संस्कृत में),
गोस्वामी तुलसीदास कृत राम चरित मानस (अवधि में),
तमिल भाषा में कम्बन रामायण,
असम में असमी रामायण,
उड़िया में विलंका रामायण,
कन्नड़ में पंप रामायण,
कश्मीर में कश्मीरी रामायण,
बंगाली में रामायण पांचाली,
मराठी में भावार्थ रामायण।
कंपूचिया की रामकेर्ति या रिआमकेर रामायण,
लाओस फ्रलक-फ्रलाम (रामजातक),
मलेशिया की हिकायत सेरीराम, थाईलैंड की रामकियेन और
नेपाल में भानुभक्त कृत रामायण आदि प्रचलित हैं।
इसके अलावा भी अन्य कई देशों में वहां की भाषा में रामायण लिखी गई है।
श्री राम ग्रन्थ के बारे में बहुत ही उम्दा जानकारी दी गई है जो सभी लोगो के लिए बहुत ही लाभदायक है | राम्ग्रंथ का इतना विस्तृत वर्णन बहुत उपयोगी है |
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