मनुष्य मांसभक्षी प्राणी नहीं है। मांस-भक्षण सर्वदा हानिप्रद है। इससे लोक-परलोक दोनों बिगड़ते है। मनुष्य की योनि कर्म योनि है बाकी सारी योनियाँ भोग योनि है चाहे वो पशु पक्षी हो या देवताओ की योनियाँ हो। आहार निद्रा भय मैथुन ये चार क्रियाएँ सभी योनियो में होती है पर मनुष्य योनि में भगवान् ने हमें विवेक दिया है भाव दिया है ताकि हम अच्छे बुरे कर्मो में फर्क कर सके। आइये जाने मांस भक्षण से होने वाले कुछ हानियां:-
1 भगवत्प्राप्ति में बाधक है।
2 ईश्वर रुष्ट होते है।
3 महापाप लगता है।
4 प्रकृति विरुद्ध है।
5 पशुत्व की प्राप्ति होती है।
6 घोर निर्दयता है।
7 स्वास्थ्य की हानि होती है।
8 शास्त्र निन्दित है।
9 सनातन हिन्दू धर्म के सिद्धांतो के विपरीत है।
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