शनिवार, 19 नवंबर 2016

क्यों है भगवन गणेश को तुलसी पत्र चढ़ाना वर्जित

क्यों है भगवन गणेश को तुलसी पत्र चढ़ाना वर्जित 


एक बार जब गणेश जी तपस्या में लींन थे तो उनके तेजमय मुख को देख कर अपने पूर्व जन्म में तुलसी उन पर मोहित हो गयी और उनके समक्ष विवाह प्रस्ताव रख दिया जिसे श्री गणेश ने अपने ब्रम्हचर्य का हवाला दे कर ठुकरा दिया।

अपने विवाह प्रस्ताव को अमान्य देख कर तुलसी अत्यन्त क्रोधित हो गई और गणेश जी को दो पत्नी होने न श्राप दे डाला। तुलसी के इस श्राप से क्रोधित श्री गणेश जी ने तुलसी को राक्षस पत्नी होने और शीलभंग का श्राप दे दिया।

तुलसी को अपनी भूल का अहसास हुआ तो उन्होंने गणेश जी से छमा याचना की तिसपर गणेश जी ने उन्हें मुक्ति का मार्ग बताया और एक पूज्य पौधा होने का वरदान दिया और साथ ही यह भी कहा कि तुम्हारे पत्र मुझे स्वीकार्य नहीं होंगे ।

अतः भगवन गणेश को तुलसी पत्र चढ़ाना वर्जित माना जाता है 



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