मंगलवार, 9 मई 2017

भगवान् के श्रीबुद्धावतार!!

बौद्ध धर्म के प्रवर्तक और महराज शुद्धोदन के यशास्वी पुत्र गौतम बुद्ध (सिद्धार्थ) के रूप में श्रीभगवान ही अवतरित हुए थे, ऐसी प्रसिद्धि विश्रुत है; परंतु पुरानवर्णित भगवान् बुद्ध देव का प्राकट्य गया के समीप कीकट देश में हुआ था। उनके पुण्यात्मा पिता का नाम 'अजन' बताया गया है। जीवो पर दया प्रकट करने और अहिंसा धर्म की स्थापना करने के लिए भगवान् बुद्ध का अवतार हुआ था। उन्होंने वेद विरुद्ध बातें कही थी अतः हम उन्हें श्रीहरि विष्णु का अवतार होने के कारण नमस्कार करते है पर उनके वचनो को अस्वीकार करते है।

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2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी है। और बहुत ही बढ़िया तरीके से नमस्कार एवं तिरस्कार शब्द का वर्णन किया है। दो शब्द में ही पूरा अर्थ छिपा हुवा है।। बहुत ही सुन्दर सर।।

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  2. बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी है। और बहुत ही बढ़िया तरीके से नमस्कार एवं तिरस्कार शब्द का वर्णन किया है। दो शब्द में ही पूरा अर्थ छिपा हुवा है।। बहुत ही सुन्दर सर।।

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